जन्मदिन उत्सव
आज 20/10/2010 को मैं अपना जन्मदिन मनाने के साथ ही अपनी भतीजियों जोकि मेरे मामा जी की पोती क्षुती जैन पुत्री श्री सतीश जैन, रोहिणी निवासी और मेरी मौसी की पोती सिया जैन पुत्री शीतल जैन, जींद-हरियाणा निवासी को समस्त "शकुन्तला प्रेस ऑफ़ इंडिया प्रकाशन" परिवार की ओर से जन्मदिन की मुबारकबाद देते हुए ढ़ेरों शुभकामनायें प्रेषित करता हूँ. जो आज के दिन ही अपना क्रमश: 16 व पहला जन्मदिन उत्सव मना रही हैं. इन्हीं शब्दों के साथ ही ................
आपके जन्मदिन उत्सव पर
आज तुम जिंदगी की राहों में
छोड़ आई हो कितने ढेर से दिन
अब उन्हें ढूँढना भी मुशिकल है
अब वहां लौटना भी नामुमकिन.
यह नया साल की जिंदगी तुम्हें
झिलमिलाते चिराग दे जाये
जिनके एहसास से हो दुःख तुम्हें
हसरतों के वो दाग ले जाये
फिर जब आये यह जन्मदिन उत्सव
तुम मेरा गीत गुनगुना लेना
यूँ ही जब शाम डूबने को हो
याद का एक "दिया" (दीपक) जला लेना.
रब से दुआ कर रहे हैं हम,
आपके पास आये न कोई गम
आपके जन्मदिन पर खुदा से
यह मांगते हैं हम,
हर कामयाबी चूमें आपके कदम".
"हो मुबारक यह जन्मदिन तुम्हें,
जहाँ तुम्हारा आबाद रहे,
जब तक दुनियां चलती रहे,
तब तक तुम्हारी याद रहे"