आज हाईटेक दुनियां की भाग-दौड़ में अपने स्कूलों व व्यापारिक मित्रों को भूलते जा रहे हैं.आज हम उन रिश्तों को भी भुलाते जा रहे हैं.जो हमारे जन्म होने के बाद या विवाह के बाद बनते हैं.वैसे तो हर एक इंसान का हर दुसरे इंसान से इंसानियत का रिश्ता है.मगर हम आज"इंसानियत" जैसे पवित्र शब्द की गरिमा को भुलाते जा रहे हैं."इंसानियत" जैसे पवित्र शब्द की गरिमा को बनाये रखने हेतु ही "प्रकाशन" परिवार ने एक ब्लॉग बनाकर अपने सभी मित्रों को एक मंच पर एकत्रित करने की एक छोटी-सी कोशिश की.
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रविवार, अगस्त 14, 2011
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर जनहित में एक बहुमूल्य संदेश
1 टिप्पणी:
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बहुत सुंदर सन्देश...... स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनायें ..जय हिंद
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